जम्मू कश्मीर के त्राल क्षेत्र में 13 वर्षीय बच्ची तैयिबा बिनती जावेद ने एक उपन्यास लिखा है. इस उपन्यास की कहानी बच्चों की काल्पनिकता पर आधारित है जिस में एक ऐसे देश का जिक्र है जहाँ सभी इंसानो की जगह बिल्लियों ने ले लिया है.
तैयिबा का पहला उपन्यास ‘लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक’ का प्रकाशन जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने किया.
तौयिबा श्रीनगर के डीपीएस अथवाजन स्कूल की सातवीं की छात्रा है. तौयिबा के पिता डॉक्टर जावेद अहमद एक डेंटल सर्जन हैं और अपनी बेटी की उपलब्धि से काफी खुश हैं.
उपन्यास पर बात करते हुए तौयिबा ने कहा कि यह पूरी तरह काल्पनिक है. उन्होंने कहा, ‘इसमें इंसानों की जगह बिल्लियां हैं. वह बिल्लियों का देश है, जिसमें में भी एक बिल्ली हूं. मेरा नाम लूना स्पार्क है और मैं, अपने दोस्तों के साथ, एक काल्पनिक भूमि में एक रोमांचक साहसिक कार्य करती हूं जिसे सपनों का देश कहा जाता है.’