अब्दुल बारी मसऊद

 

नई दिल्ली, पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सत्तारूढ़ भाजपा की मूल संस्था, आरएसएस की उग्रवादी शाखा, बजरंग दल ने दलित और आदिवासी लोगों को लुभाने के उद्देश्य से ‘समरसता अभियान’ शुरू किया। कांग्रेस ने कहा कथित ‘समरसता अभियान’ एक धोखा और देशवासियों को गुमराह करने के एक हथकंडे के सिवा और कुछ नहीं है।

 

कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग ने कथित समरसता अभियान के आयोजन के लिए विश्व हिंदू परिषद और उसकी उग्रवादी युवा शाखा, बजरंग दल की तीखी आलोचना की। उसने बताया कि ये दोनों संगठन आरएसएस और भाजपा से जुड़े हैं, और पूरे भारत में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ जाति आधारित हिंसा को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

 

अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने मुस्लिम मिरर को बताया कि यह बेहद शर्मनाक है कि दलितों और आदिवासियों के खिलाफ गंभीर अपराधों में लिप्त होने के कारण कई सक्रिय सदस्यों के सलाख़ों के पीछे होने के बावजूद, विहिप और बजरंग दल ने इस तरह के अभियान को आयोजित करने का दुस्साहस किया है।

 

कांग्रेस नेता लिलोठिया ने एक प्रमुख समाचार संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमें विहिप और बजरंग दल के असली चरित्र को उजागर करने के लिए बहुत पीछे जाने की जरूरत नहीं है, बजरंग दल ने 4 जनवरी, 2022 को कर्नाटक के बेलगावी जिले में दलित अक्षय कुमार कारागांवी और उनके परिवार पर हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल के सात सदस्यों को कर्नाटक पुलिस द्वारा दंगा, अतिचार और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

 

उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा दलित समुदायों के खिलाफ अत्याचार की कई घटनाओं का जिक्र किया।

 

बिहार के रोहतास जिले के कर्मा गांव में एक दलित युवक और अंडा विक्रेता संजीव कुमार को 7 जून, 2021 को जातिवादी गालियों दी गईं, प्रताड़ित किया गया, पीटा गया और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। डेहरी-ऑन सोन-स्पेशल एससी-एसटी सेल में शिकायत दर्ज करने का प्रयास करते हुए पीड़ित परिवार ने उसी समूह द्वारा पीटे जाने का पुराना वीडियो फुटेज भी पेश किया। इससे बजरंग दल द्वारा  एससी/एसटी परिवारों को बार-बार पीटने और प्रताड़ित करने की पुष्टि होती है।

 

31 दिसंबर, 2020 को 25 बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के ठिकरी देवड़ा गांव में एक आदिवासी पर गलत तरीके से धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए उसके आवास पर हमला कर दिया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने युवतियों और लड़कियों के साथ दर्व्यवहार किया जिसके कारण आठ महीने की एक गर्भवती महिला का बच्चा गर्भ में ही मर गया।  एक मृत बच्चे को जन्म दिया।

 

खूंटी जिले के सुआरी गांव में 22 सितंबर 2019 को कलंतस बारला नाम के एक दिव्यांग आदिवासी को गोहत्या के संदेह में पीट-पीट कर मार डाला गया था। ग्रामीणों के अनुसार, दो अन्य, कच्छप और फिलिप होरो गंभीर रूप से घायल हो गए और हमले का आरोप बजरंग दल के सदस्यों पर लगाया गया।

 

बजराग दल द्वारा किए गए ऐसे कई जाति-आधारित अत्याचार हैं, जबकि हाल के वर्षों में उनके द्वारा किए गए सांप्रदायिक अत्याचारों की कोई सीमा नहीं है। लिलोठिया ने कहा कि यह शर्मनाक है कि विहिप और बजरंग दल दोनों ही विभिन्न राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाज में सभी जातियों के बीच एकता स्थापित करने का नाटक कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोग’’, खासकर जो दलित जातियों से संबंध रखते हैं, आरएसएस और भाजपा की प्रतिगामी राजनीति को समझते हैं। वे समझते हैं कि विहिप और बजरंग दल के राष्ट्रीय अभियान जैसे संगठन सतही हैं।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें उनके असली इरादों या कार्यों को छिपाने नहीं देगी और हम उनका पर्दाफाश करना जारी रखेंगे।

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