ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी मुश्किल दौर में है. प्रधानमंत्री जॉनसन की लॉकडाउन पार्टियों पर जांच चल रही है. अब एक पूर्व महिला मंत्री ने आरोप लगाया है कि इस्लाम में विश्वास रखने की वजह से उन्हें मंत्री पद से हटाया गया.
ब्रिटेन की पूर्व यातायात उप मंत्री नुसरत ग़नी ने दावा किया है कि मुसलमान होने की वजह से उन्हें साल 2020 में मंत्रीपद से हटाया गया था. कंजरवेटिव पार्टी की सांसद ग़नी का दावा है, ‘‘मुझे सरकारी व्हिप ने कहा था कि मेरा इस्लामिक रवैया बाक़ी सहयोगियों को असहज महसूस करा रहा है. ऐसी भी चिंता थी कि मैं पार्टी के प्रति वफ़ादार नहीं थी और मैंने इस्लामोफोबिया जैसे आरोपों से पार्टी को बचाने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया.’’
नुसरत ग़नी ने कहा कि ‘‘मुझे यह बिल्कुल साफ़ हो गया था नंबर 10 (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का दफ्तर-10 डाउनिंग स्ट्रीट) और व्हिपों ने मेरी पृष्ठभूमि और आस्था की वजह से बाक़ियों के मुक़ाबले मेरे लिए वफ़ादारी के ऊंचे पैमाने रखे थे.’’
गनी के इस दावे से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कोविड नियमों के खिलाफ घर में पार्टियां आयोजित करने के लिए कड़ी आलोचना झेल रहे बोरिस जॉनसन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ग़नी ने साल 2020 में प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की थी. प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रुप से शिकायत करने के लिए कहा था. लेकिन तब ग़नी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई. इस पर ग़नी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक प्रक्रिया की मदद लेने की बात कही थी. ग़नी के मुताबिक़ ये सरकार से जुड़ा मामला था, जिसे पार्टी के पास ले जाने का कोई तुक नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस इतना चाहती थी कि इस मामले को उनकी सरकार गंभीरता से ले, सही तरह से जांच हो और सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी अन्य सहयोगी को यह ना सहना पड़े.’’
सरकार के चीफ व्हिप मार्क स्पेंसर ने खुद पहचान ज़ाहिर करते हुए बताया कि ‘‘सांसद नुसरत ग़नी ने मेरा ही जिक्र किया है. लेकिन उनके लगाए आरोप झूठे हैं और मानहानि करने वाले हैं. जो बातें नुसरत बोल रही हैं, वे मैंने कभी नहीं कहीं. ये निराशाजनक है कि जब इस बारे में ग़नी से बात हुई थी तो उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी में आधिकारिक जांच के लिए मामला आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था.’’ कंजरवेटिव पार्टी ने एक बयान में कहा है कि वह किसी भी तरह के नस्लभेद या भेदभाव के ख़िलाफ़ हैं.