योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी लगातार नकारात्मक कारणों से सुर्खियों में है। अपराध का गाफ हो या मानवाधिकार हनन का, पुलिस बर्बरता का मामला हो या फेक इंकाउंटर का, प्रतिद्वंद्वियों को ठिकाने लगाने का मामला हो या पत्रकारों की हत्या का, बदहाल प्रशासन व्यवस्था हो या नाकाम चिकित्सा व्यवस्था, उत्तर प्रदेश ऐसे सभी क्षेत्रों में आगे-आगे है।

संसद में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकार उल्लंघन के 64170 केस दर्ज किए। मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में लगातार तीसरे साल यूपी अव्वल नंबर है। यह खुलासा गृह मंत्रालय के आंकड़ों में किया गया है। मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में लगातार तीसरी साल एमएचए लिस्ट में यूपी सबसे ऊपर है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2021 तक, पिछले तीन सालों में एनएचआरसी के सालाना दर्ज किए गए मानवाधिकार उल्लंघन के करीब 40 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश के थे। इस साल 31 अक्टूबर तक देश में मानवाधिकार उल्लंघन के 64,170 मामले दर्ज किए. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा 24,242  मामले सिर्फ यूपी में दर्ज किए गए हैं।

 

यूपी में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले

2021-22 में 24,242 मामले

2020-21 में 30,164 मामले

2019-20 में 32,693 मामले

2018-19 में 41,947 मामले

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